PM विश्वकर्मा प्रशिक्षण का कॉल नहीं आया? तुरंत करें ये काम PM Vishwakarma Training

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PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है जो देश के कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह योजना परंपरागत कौशल वाले लोगों को आधुनिक तकनीक और बाजार से जोड़ने का प्रयास करती है। इसका उद्देश्य है कि हमारे कुशल कारीगर अपने पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित कर सकें और अपनी आजीविका को बेहतर बना सकें।

यह योजना न केवल कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि वित्तीय सहायता, टूलकिट सहायता और बाजार से जुड़ाव जैसे व्यापक पहलुओं को भी शामिल करती है। PM Vishwakarma Scheme का लक्ष्य है कि हमारे कारीगर और शिल्पकार आत्मनिर्भर बनें और अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला सकें।

PM विश्वकर्मा योजना क्या है?

PM विश्वकर्मा योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) द्वारा लागू किया जा रहा है। यह योजना उन कारीगरों और शिल्पकारों को लक्षित करती है जो अपने हाथों और औजारों से काम करते हैं। इसका उद्देश्य इन कुशल कारीगरों को एक व्यापक सहायता प्रदान करना है, जिससे वे अपने कौशल को बढ़ा सकें, आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर सकें और अपने व्यवसाय को विस्तारित कर सकें।

PM विश्वकर्मा योजना का संक्षिप्त विवरण

विवरणजानकारी
योजना का नामप्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Scheme)
शुरुआत की तारीख17 सितंबर, 2023
लागू करने वाला मंत्रालयसूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME)
लक्षित समूहपारंपरिक कारीगर और शिल्पकार
कवर किए गए व्यवसाय18 पारंपरिक व्यवसाय
योजना की अवधि5 वर्ष (वित्त वर्ष 2027-28 तक)
मुख्य लाभकौशल उन्नयन, टूलकिट सहायता, ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन
न्यूनतम आयु पात्रता18 वर्ष

PM विश्वकर्मा योजना के उद्देश्य

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  1. कारीगरों की पहचान: योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को ‘विश्वकर्मा’ के रूप में मान्यता देना।
  2. कौशल उन्नयन: पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीकों और प्रथाओं से जोड़ना।
  3. आधुनिक उपकरण: कारीगरों को उन्नत उपकरणों तक पहुंच प्रदान करना।
  4. वित्तीय सहायता: सस्ती और बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराना।
  5. डिजिटल सशक्तिकरण: डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करना।
  6. बाजार संपर्क: उत्पादों के लिए ब्रांडिंग और बाजार संबंध स्थापित करने में मदद करना।

PM विश्वकर्मा योजना के लाभ

PM Vishwakarma Scheme कारीगरों और शिल्पकारों को कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है:

1. पहचान और मान्यता

  • PM विश्वकर्मा प्रमाणपत्र: कारीगरों को एक विशेष पहचान पत्र और प्रमाणपत्र दिया जाता है।
  • डिजिटल ID: प्रत्येक लाभार्थी को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान संख्या दी जाती है।

2. कौशल उन्नयन

  • बेसिक ट्रेनिंग: 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण (40 घंटे)।
  • एडवांस्ड ट्रेनिंग: 15 दिनों का उन्नत प्रशिक्षण (120 घंटे या अधिक)।
  • प्रशिक्षण भत्ता: ₹500 प्रति दिन का स्टाइपेंड।

3. टूलकिट सहायता

  • टूलकिट इंसेंटिव: ₹15,000 तक का अनुदान आधुनिक उपकरणों के लिए।
  • ई-वाउचर: टूलकिट खरीदने के लिए ई-वाउचर के रूप में सहायता।

4. ऋण सहायता

  • कॉलेटरल-फ्री लोन: बिना गारंटी के ऋण सुविधा।
  • पहला ट्रांच: ₹1,00,000 तक (18 महीने की अवधि)।
  • दूसरा ट्रांच: ₹2,00,000 तक (30 महीने की अवधि)।
  • कम ब्याज दर: लाभार्थियों के लिए केवल 5% ब्याज दर।

5. डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन

  • प्रति लेनदेन बोनस: ₹1 प्रति डिजिटल लेनदेन।
  • अधिकतम सीमा: प्रति माह 100 लेनदेन तक।

6. मार्केटिंग सपोर्ट

  • ब्रांडिंग: उत्पादों के लिए ब्रांड निर्माण में सहायता।
  • ई-कॉमर्स: GeM जैसे प्लेटफॉर्म पर उत्पादों की लिस्टिंग।
  • विज्ञापन: उत्पादों के प्रचार में मदद।

PM विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता मानदंड

इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:

  1. आयु: आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
  2. व्यवसाय: आवेदक को 18 निर्धारित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न होना चाहिए।
  3. स्व-रोजगार: आवेदक असंगठित क्षेत्र में स्व-रोजगार के आधार पर कार्यरत होना चाहिए।
  4. पिछले ऋण: पिछले 5 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार की समान ऋण-आधारित योजनाओं का लाभ न लिया हो।
  5. परिवार सीमा: एक परिवार से केवल एक सदस्य ही इस योजना का लाभ ले सकता है।
  6. सरकारी सेवा: सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

PM विश्वकर्मा योजना के तहत कवर किए गए व्यवसाय

योजना के तहत निम्नलिखित 18 पारंपरिक व्यवसाय शामिल हैं:

  1. बढ़ई (सुथार/बढ़ई)
  2. नाव निर्माता
  3. लोहार (आर्मरर)
  4. लोहार (ब्लैकस्मिथ)
  5. हथौड़ा और टूल किट निर्माता
  6. ताला बनाने वाला
  7. सुनार
  8. कुम्हार
  9. मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला)
  10. पत्थर तोड़ने वाला
  11. मोची/जूता बनाने वाला
  12. राजमिस्त्री
  13. टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला
  14. गुड़िया और खिलौना बनाने वाला (पारंपरिक)
  15. नाई
  16. माला बनाने वाला
  17. धोबी
  18. दर्जी और मछली जाल बनाने वाला

PM विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया

योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है:

  1. ऑनलाइन पंजीकरण:
    • आधिकारिक वेबसाइट www.pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
    • अपना व्यक्तिगत विवरण और व्यवसाय की जानकारी भरें।
  2. दस्तावेज अपलोड:
    • आधार कार्ड
    • पैन कार्ड
    • बैंक खाता विवरण
    • व्यवसाय से संबंधित प्रमाण
  3. सत्यापन प्रक्रिया:
    • ग्राम पंचायत/ULB स्तर पर सत्यापन
    • जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा जांच और अनुशंसा
    • स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा अंतिम अनुमोदन
  4. पंजीकरण पूर्णता:
    • सफल सत्यापन के बाद, आवेदक को PM विश्वकर्मा डिजिटल प्रमाणपत्र और ID कार्ड जारी किया जाएगा।

PM विश्वकर्मा प्रशिक्षण का कॉल न आने पर क्या करें?

अगर आपने PM विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन किया है और प्रशिक्षण के लिए कॉल नहीं आया है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:

  1. आवेदन स्थिति की जांच करें:
    • PM विश्वकर्मा पोर्टल पर लॉगिन करके अपने आवेदन की स्थिति देखें।
    • सुनिश्चित करें कि आपका आवेदन सफलतापूर्वक जमा हुआ है और सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो गई है।
  2. हेल्पलाइन से संपर्क करें:
    • योजना की आधिकारिक हेल्पलाइन पर कॉल करें।
    • अपना आवेदन ID और समस्या का विवरण प्रदान करें।
  3. स्थानीय कार्यालय का दौरा करें:
    • अपने नजदीकी MSME कार्यालय या जिला उद्योग केंद्र जाएं।
    • अपने आवेदन की स्थिति और प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में पूछताछ करें।
  4. ईमेल द्वारा संपर्क करें:
    • योजना के आधिकारिक ईमेल पते पर अपनी समस्या का विवरण भेजें।
    • अपना नाम, आवेदन ID और संपर्क विवरण शामिल करना न भूलें।
  5. सोशल मीडिया पर फीडबैक दें:
    • योजना के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर अपनी समस्या पोस्ट करें।
    • विनम्र और सटीक रहें, अपना आवेदन ID शेयर करें (लेकिन व्यक्तिगत जानकारी नहीं)।
  6. स्थानीय जनप्रतिनिधि से संपर्क करें:
    • अपने क्षेत्र के सांसद या विधायक से मदद मांगें।
    • उन्हें योजना के महत्व और आपकी स्थिति से अवगत कराएं।
  7. नियमित अपडेट चेक करें:
    • PM विश्वकर्मा पोर्टल पर नियमित रूप से लॉगिन करें।
    • नए अधिसूचनाओं या अपडेट के लिए अपना रजिस्टर्ड ईमेल और फोन नंबर चेक करें।
  8. दस्तावेजों की दोबारा जांच करें:
    • सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा अपलोड किए गए सभी दस्तावेज सही और अप-टू-डेट हैं।
    • यदि कोई दस्तावेज गलत या अपडेट करने की आवश्यकता है, तो तुरंत सुधार करें।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि हमने सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, फिर भी सरकारी नियमों और दिशानिर्देशों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। इसलिए, कृपया नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए PM विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित सरकारी कार्यालयों से संपर्क करें। किसी भी विसंगति की स्थिति में, सरकारी दस्तावेज और निर्देश ही मान्य होंगे।

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