विकलांग व्यक्तियों के लिए रेलवे यात्रा को सुगम और किफायती बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने विशेष रियायती पास की व्यवस्था की है। यह पास विकलांग व्यक्तियों को न केवल कम किराए पर यात्रा करने की सुविधा देता है, बल्कि उन्हें कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान करता है। लेकिन इस पास को प्राप्त करने की प्रक्रिया कई लोगों के लिए जटिल हो सकती है।
इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि विकलांग रेलवे पास कैसे बनाया जा सकता है, इसके लिए क्या-क्या दस्तावेज चाहिए और पूरी प्रक्रिया क्या है। हम यह भी जानेंगे कि यह पास किन-किन विकलांगताओं के लिए उपलब्ध है और इससे मिलने वाली रियायतें क्या हैं। साथ ही, हम कुछ महत्वपूर्ण बातों पर भी ध्यान देंगे जो आपको इस प्रक्रिया के दौरान ध्यान में रखनी चाहिए।
विकलांग रेलवे पास (Railway Concession Pass for Disabled) क्या है?
विकलांग रेलवे पास एक विशेष पहचान पत्र है जो भारतीय रेलवे द्वारा विकलांग व्यक्तियों को जारी किया जाता है। इस पास के माध्यम से विकलांग व्यक्ति रेल यात्रा पर विशेष छूट और सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। यह पास E-Ticketing Photo Identity Card for Specially-Abled (EPICS) या Divyangjan Card के नाम से भी जाना जाता है।
विकलांग रेलवे पास की मुख्य जानकारी
विवरण | जानकारी |
पास का नाम | विकलांग रेलवे पास / Divyangjan Card |
जारीकर्ता | भारतीय रेलवे |
पात्रता | 40% या अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों |
आवश्यक दस्तावेज | विकलांगता प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, फोटो आदि |
वैधता अवधि | 5 वर्ष |
रियायत | किराए में 25% से 75% तक की छूट |
अतिरिक्त लाभ | प्राथमिकता वाली बुकिंग, निचली बर्थ आदि |
विकलांग रेलवे पास के लिए कौन पात्र है?
भारतीय रेलवे ने विकलांग व्यक्तियों को चार मुख्य श्रेणियों में बांटा है जो इस पास के लिए पात्र हैं:
- शारीरिक विकलांग व्यक्ति: जो बिना सहायक के यात्रा नहीं कर सकते।
- मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति: जिन्हें यात्रा के दौरान सहायक की आवश्यकता होती है।
- दृष्टिहीन व्यक्ति: जो अकेले या सहायक के साथ यात्रा करते हैं।
- बधिर और मूक व्यक्ति: जिनमें दोनों विकलांगताएं एक साथ हों।
इसके अलावा, कुछ विशेष बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति भी इस रियायत के लिए पात्र हैं:
- कैंसर रोगी
- हृदय रोगी
- थैलेसीमिया रोगी
- हीमोफीलिया रोगी
- सिकल सेल एनीमिया रोगी
- गुर्दा रोगी
विकलांग रेलवे पास बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
पास बनवाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- विकलांगता प्रमाण पत्र: सरकारी अस्पताल द्वारा जारी।
- रियायत प्रमाण पत्र: रेलवे द्वारा मान्यता प्राप्त।
- फोटो पहचान पत्र: आधार कार्ड या वोटर आईडी।
- जन्म तिथि प्रमाण: पैन कार्ड या स्कूल सर्टिफिकेट।
- पता प्रमाण: आधार कार्ड या बिजली बिल।
- दो पासपोर्ट साइज फोटो
- सभी दस्तावेजों की स्व-सत्यापित फोटोकॉपी
विकलांग रेलवे पास बनवाने की प्रक्रिया (Step-by-Step Guide)
1. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- ‘Divyangjan Card Application’ पर क्लिक करें।
- नया अकाउंट बनाएं या लॉगिन करें।
- आवेदन फॉर्म भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म सबमिट करें और आवेदन संख्या नोट कर लें।
2. ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
- नजदीकी डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) कार्यालय जाएं।
- विकलांग रेलवे पास के लिए आवेदन फॉर्म प्राप्त करें और भरें।
- सभी आवश्यक दस्तावेजों की मूल प्रति और फोटोकॉपी जमा करें।
- आवेदन जमा करने की रसीद प्राप्त करें।
3. दस्तावेज सत्यापन
- रेलवे अधिकारी आपके दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे।
- विकलांगता प्रमाण पत्र की जांच की जाएगी।
- डॉक्टर का नाम, पंजीकरण संख्या और विकलांगता की प्रकृति की पुष्टि की जाएगी।
4. पास जारी करना
- सत्यापन के बाद, आपको एक विशिष्ट 11 अंकों की पहचान संख्या के साथ फोटो पहचान पत्र जारी किया जाएगा।
- मूल रियायत प्रमाण पत्र पर एक स्टांप लगाकर उसे अमान्य कर दिया जाएगा।
- अब आप केवल इस नए फोटो पहचान पत्र का उपयोग कर सकते हैं।
विकलांग रेलवे पास से मिलने वाली रियायतें और सुविधाएं
- किराए में छूट:
- शारीरिक विकलांग: 75% तक
- दृष्टिहीन: 50% से 75% तक
- मानसिक रूप से विकलांग: 25% से 50% तक
- आरक्षण में प्राथमिकता: विशेष कोटा के तहत आरक्षण।
- निचली बर्थ: जहां संभव हो, निचली बर्थ आवंटित की जाती है।
- व्हीलचेयर सुविधा: प्रमुख स्टेशनों पर नि:शुल्क व्हीलचेयर उपलब्ध।
- सहायक के लिए रियायत: कुछ मामलों में सहायक को भी रियायती टिकट मिलता है।
- विशेष कोच: SLRD कोच में यात्रा की सुविधा।
ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें
- पास की वैधता 5 वर्ष तक होती है। समय पर नवीनीकरण करवाएं।
- पास केवल उसी व्यक्ति द्वारा उपयोग किया जा सकता है जिसके नाम पर जारी किया गया है।
- यात्रा के दौरान मूल पास और विकलांगता प्रमाण पत्र साथ रखें।
- ऑनलाइन टिकट बुकिंग के समय पास का विवरण दर्ज करना अनिवार्य है।
- गलत जानकारी देने या पास के दुरुपयोग पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- क्या विकलांग रेलवे पास के लिए हर बार नया आवेदन करना पड़ता है?
नहीं, एक बार जारी किया गया पास 5 वर्ष तक वैध रहता है। - क्या इस पास से सभी ट्रेनों में यात्रा की जा सकती है?
हां, लेकिन कुछ प्रीमियम ट्रेनों में रियायत सीमित हो सकती है। - क्या सहायक को भी रियायत मिलती है?
हां, कुछ श्रेणियों में सहायक को भी रियायती टिकट मिलता है। - पास खो जाने पर क्या करें?
तुरंत नजदीकी DRM कार्यालय में रिपोर्ट करें और डुप्लीकेट पास के लिए आवेदन करें। - क्या अस्थायी विकलांगता के लिए भी पास मिलता है?
नहीं, पास केवल स्थायी विकलांगता के लिए जारी किया जाता है।
निष्कर्ष
विकलांग रेलवे पास भारतीय रेलवे की एक महत्वपूर्ण पहल है जो विकलांग व्यक्तियों को सुगम और किफायती यात्रा की सुविधा प्रदान करती है। यह न केवल उनके लिए यात्रा को आसान बनाता है, बल्कि उन्हें समाज के मुख्यधारा में शामिल होने में भी मदद करता है। पास प्राप्त करने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है, लेकिन सही दस्तावेजों और जानकारी के साथ यह आसानी से पूरी की जा सकती है।
याद रखें, यह पास आपके अधिकार है, न कि कोई विशेष सुविधा। इसका उपयोग जिम्मेदारी से करें और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करें। भारतीय रेलवे लगातार इस सुविधा को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है, इसलिए नवीनतम अपडेट के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट को चेक करते रहें।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। विकलांग रेलवे पास के नियम और प्रक्रिया समय-समय पर बदल सकते हैं। सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए कृपया भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी रेलवे कार्यालय से संपर्क करें।