भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में हर साल कई बदलाव होते हैं, जो ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। जनवरी 2025 से, SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया), PNB (पंजाब नेशनल बैंक), HDFC और अन्य बैंकों के खाताधारकों के लिए कुछ नए नियम लागू होने जा रहे हैं। ये नियम न केवल बैंकिंग सेवाओं को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए हैं, बल्कि ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए भी हैं। इस लेख में हम इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानेंगे और देखेंगे कि ये आपके बैंकिंग अनुभव को कैसे प्रभावित करेंगे।
इन नए नियमों का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाना, KYC प्रक्रियाओं को सरल बनाना, और ग्राहक संतोष को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, इन नियमों से बैंकिंग सेवाओं में सुधार होगा और ग्राहकों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी। आइए, अब हम इन पांच बड़े अपडेट्स पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
SBI, PNB, HDFC समेत सभी बैंकों के लिए 5 बड़े अपडेट
नियम | विवरण |
डिजिटल लेनदेन सुरक्षा | ऑनलाइन बैंकिंग के लिए दो-स्तरीय प्रमाणीकरण अनिवार्य |
KYC अपडेशन | हर दो साल में KYC अपडेट करना अनिवार्य |
ATM शुल्क में बदलाव | मासिक मुफ्त लेनदेन की संख्या में वृद्धि |
चेक ट्रंकेशन सिस्टम | सभी बैंकों के लिए CTS अनिवार्य |
ग्राहक शिकायत निवारण | शिकायत निवारण के लिए समय सीमा निर्धारित |
1. डिजिटल लेनदेन सुरक्षा में सुधार
डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए RBI ने कई नए नियम लागू किए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम है दो-स्तरीय प्रमाणीकरण।
- दो-स्तरीय प्रमाणीकरण: सभी ऑनलाइन लेनदेन के लिए यह अनिवार्य होगा। पहले स्तर पर पासवर्ड या पिन का उपयोग किया जाएगा, जबकि दूसरे स्तर पर OTP या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा।
- लेनदेन सीमा: ₹50,000 से अधिक के लेनदेन के लिए मैनुअल वेरिफिकेशन की आवश्यकता होगी।
2. KYC अपडेशन नियम
Know Your Customer (KYC) प्रक्रिया में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव बैंक खातों की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाएंगे।
- नियमित KYC अपडेशन: हर दो साल में KYC अपडेट करना अनिवार्य होगा। बैंक ग्राहकों को समय पर रिमाइंडर भेजेंगे।
- डिजिटल KYC: वीडियो KYC की सुविधा सभी बैंकों में उपलब्ध होगी और आधार-आधारित e-KYC को बढ़ावा दिया जाएगा।
3. ATM शुल्क में बदलाव
ATM लेनदेन पर शुल्क में बदलाव किया गया है। अब खाताधारकों को अधिक मुफ्त लेनदेन की सुविधा मिलेगी।
- मासिक मुफ्त लेनदेन: ग्राहकों को अब पहले से अधिक मुफ्त ATM लेनदेन की संख्या मिलेगी, जिससे उन्हें अधिक सुविधा होगी।
4. चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS)
RBI ने चेक प्रोसेसिंग को और अधिक कुशल बनाने के लिए चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) को अनिवार्य कर दिया है।
- CTS का विस्तार: सभी बैंकों को CTS प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट करना होगा। अब non-CTS चेक स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
- चेक प्रोसेसिंग समय में कमी: CTS के माध्यम से चेक क्लियरिंग का समय 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे किया गया है।
5. ग्राहक शिकायत निवारण प्रणाली
ग्राहक संतुष्टि को बढ़ावा देने के लिए RBI ने शिकायत निवारण प्रणाली में सुधार किए हैं।
- समय सीमा निर्धारण: सामान्य शिकायतों का निवारण 7 दिनों के भीतर किया जाएगा, जबकि जटिल मामलों के लिए अधिकतम 30 दिन की समय सीमा होगी।
- ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: सभी बैंकों को केंद्रीकृत ऑनलाइन शिकायत पोर्टल लागू करना होगा, जिससे ग्राहक अपनी शिकायतों की स्थिति का रीयल-टाइम ट्रैकिंग कर सकेंगे।
निष्कर्ष
ये नए नियम भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम हैं जो ग्राहकों की सुरक्षा और संतोष को बढ़ाने के लिए बनाए गए हैं। इन बदलावों से न केवल ग्राहकों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि उनके बैंकिंग अनुभव में भी सुधार होगा।
Disclaimer : यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। यद्यपि हमने सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, फिर भी बैंकिंग नियमों और नीतियों में बदलाव हो सकता है। कृपया अपने बैंक से संपर्क करके नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। इस लेख में उल्लिखित कोई भी नियम या बदलाव वास्तविक RBI नियमों से भिन्न हो सकता है। हमेशा अधिकृत स्रोतों से पुष्टि करें।