जमीन रजिस्ट्री के 5 नए नियम 2025: जानें कैसे बदलेंगे रजिस्ट्री के तरीके

भारत सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं जो 2025 से लागू होंगे। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल बनाना है। ये बदलाव न केवल जमीन मालिकों और खरीदारों के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर और समग्र अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।

इन नए नियमों के तहत, पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी। आधार कार्ड से लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग, और ऑनलाइन शुल्क भुगतान जैसे सुधारों से न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी। आइए इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि ये कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करेंगे।

जमीन रजिस्ट्री 2025: मुख्य जानकारी

विशेषताविवरण
योजना का नामजमीन रजिस्ट्री नए नियम 2025
लागू होने की तिथि1 जनवरी 2025
लाभार्थीसभी संपत्ति खरीदार और विक्रेता
मुख्य बदलावडिजिटल पंजीकरण, आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन शुल्क भुगतान
उद्देश्यपारदर्शिता बढ़ाना, धोखाधड़ी रोकना, प्रक्रिया को सरल बनाना
कार्यान्वयनकेंद्र और राज्य सरकारों द्वारा
लाभतेज प्रक्रिया, कम भ्रष्टाचार, बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन

डिजिटल पंजीकरण प्रक्रिया (Digital Registration Process)

नए नियमों के तहत, जमीन पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी। इसके तहत:

  • सभी दस्तावेज डिजिटल फॉर्मेट में जमा किए जाएंगे।
  • रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी।
  • घर से ही ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकेगा।
  • डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाएगा।
  • पंजीकरण के तुरंत बाद डिजिटल प्रमाणपत्र उपलब्ध होगा।

इस डिजिटल प्रक्रिया से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी। साथ ही, मानवीय गलतियों की संभावना कम होगी और रजिस्ट्री अधिक सटीक होगी।

आधार कार्ड से लिंकिंग (Aadhaar Card Linking)

संपत्ति पंजीकरण के समय आधार कार्ड से लिंकिंग अनिवार्य कर दी गई है। इस प्रक्रिया में:

  • संपत्ति खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को अपना आधार कार्ड लिंक करना होगा।
  • बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा।
  • इससे फर्जी पंजीकरण की संभावना समाप्त हो जाएगी।

आधार लिंकिंग से जमीन के वास्तविक मालिक की पहचान आसानी से की जा सकेगी। इससे जमीन विवादों में कमी आएगी और अवैध कब्जों पर रोक लगेगी।

वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य (Mandatory Video Recording)

रजिस्ट्री प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है। इसके अंतर्गत:

  • रजिस्ट्री प्रक्रिया की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।
  • खरीदार और विक्रेता के बयान भी रिकॉर्ड किए जाएंगे।
  • वीडियो रिकॉर्डिंग को सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रखा जाएगा।

यह कदम रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा और भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में काम आएगा।

ऑनलाइन शुल्क भुगतान (Online Fee Payment)

अब रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप शुल्क का भुगतान पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा। इसके तहत:

  • क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और UPI के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा।
  • भुगतान के तुरंत बाद पुष्टि प्राप्त होगी।
  • नकद लेनदेन पूरी तरह से बंद हो जाएंगे।

ऑनलाइन भुगतान से न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि रिश्वतखोरी और काले धन के उपयोग पर भी रोक लगेगी।

यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN)

ULPIN या “भू-आधार” प्रत्येक भूखंड के लिए एक 14-अंकीय अल्फान्यूमेरिक कोड प्रदान करता है। यह:

  • रियल एस्टेट लेनदेन को सुव्यवस्थित करने में मदद करता है।
  • संपत्ति विवादों को हल करने में सहायक होता है।
  • आपदा प्रबंधन प्रयासों में सुधार करता है।

ULPIN से हर जमीन का एक विशिष्ट पहचान नंबर होगा, जिससे उसकी पहचान और ट्रैकिंग आसान होगी।

नई रजिस्ट्री प्रक्रिया: Step-by-Step Guide

2025 से जमीन रजिस्ट्री की नई प्रक्रिया इस प्रकार होगी:

  1. ऑनलाइन आवेदन: सरकारी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।
  2. दस्तावेज अपलोड: सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
  3. शुल्क भुगतान: ऑनलाइन माध्यम से रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें।
  4. सत्यापन: विभाग द्वारा दस्तावेजों का ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा।
  5. अपॉइंटमेंट: सत्यापन के बाद रजिस्ट्री के लिए तारीख और समय मिलेगा।
  6. बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: निर्धारित तिथि पर कार्यालय जाकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराएं।
  7. वीडियो रिकॉर्डिंग: रजिस्ट्री प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।
  8. डिजिटल हस्ताक्षर: रजिस्ट्रार द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर किए जाएंगे।
  9. दस्तावेज प्राप्ति: रजिस्ट्री के बाद डिजिटल हस्ताक्षरित दस्तावेज मिलेंगे।

आवश्यक दस्तावेज (Required Documents)

नए नियमों के अनुसार, जमीन रजिस्ट्री के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होंगे:

  • आधार कार्ड
  • जमाबंदी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र)
  • नक्शा (भूमि का मानचित्र)
  • संपत्ति कर रसीद
  • फोटो पहचान पत्र
  • पैन कार्ड
  • बैंक पासबुक की कॉपी

सभी दस्तावेजों को स्कैन करके ऑनलाइन अपलोड करना होगा।

जमीन रजिस्ट्री 2025 के लाभ

नए नियमों से निम्नलिखित लाभ होंगे:

  1. समय की बचत: डिजिटल प्रक्रिया से रजिस्ट्री का समय घटकर कुछ घंटों तक हो जाएगा।
  2. पारदर्शिता: आधार लिंकिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग से प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  3. धोखाधड़ी में कमी: फर्जी पंजीकरण और बेनामी संपत्ति पर रोक लगेगी।
  4. डिजिटल रिकॉर्ड: सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे।
  5. आसान पहुंच: मोबाइल ऐप के माध्यम से जमीन संबंधी जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी।

डिस्क्लेमर:

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि हमने सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, फिर भी सरकारी नियमों और नीतियों में बदलाव हो सकते हैं। कृपया किसी भी कार्रवाई से पहले आधिकारिक सरकारी स्रोतों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी त्रुटि या चूक के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

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