पेंशन पर TDS में बदलाव वित्तीय वर्ष 2024-25 और निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए महत्वपूर्ण है। यह बदलाव पेंशनधारकों के लिए टैक्स की दरों में संशोधन लाता है, जिससे उनकी आय पर प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम पेंशन पर TDS के नए नियमों, दरों और उनके प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। इसके साथ ही, हम जानेंगे कि ये बदलाव किस प्रकार से पेंशनधारकों के लिए लाभकारी हो सकते हैं।
वित्त मंत्रालय ने नए वित्तीय वर्ष के लिए TDS की दरों को संशोधित किया है। यह बदलाव न केवल पेंशनधारकों के लिए, बल्कि सभी टैक्सपेयर्स के लिए महत्वपूर्ण है। नई दरों का उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल बनाना और पेंशनधारकों को अधिक राहत प्रदान करना है। इस लेख में हम पेंशन पर TDS के नए नियमों का विस्तृत विवरण देंगे।
पेंशन पर TDS में बड़ा बदलाव
वार्षिक पेंशन (₹) | TDS दर (%) |
₹3,00,000 तक | 0 |
₹3,00,001 से ₹6,00,000 | 5 |
₹6,00,001 से ₹9,00,000 | 10 |
₹9,00,001 से ₹12,00,000 | 15 |
₹12,00,001 से ₹15,00,000 | 20 |
₹15,00,000 से अधिक | 30 |
इस तालिका में दिखाया गया है कि कैसे विभिन्न आय स्तरों पर TDS की दरें निर्धारित की गई हैं। यह बदलाव विशेष रूप से उन पेंशनधारकों के लिए फायदेमंद है जिनकी वार्षिक पेंशन ₹3 लाख तक है, क्योंकि उन्हें अब कोई TDS नहीं देना होगा।
पेंशनधारकों के लिए लाभ
- कम TDS दर: अब जिनकी वार्षिक पेंशन ₹3 लाख तक है उन्हें कोई TDS नहीं देना होगा।
- बढ़ी हुई छूट: पारिवारिक पेंशन पर स्टैंडर्ड कटौती को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है।
- उम्र के आधार पर छूट: वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक) और अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष और उससे अधिक) को भी विशेष छूट दी गई है।
नई कर व्यवस्था का प्रभाव
नई कर व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जो व्यक्तिगत टैक्सपेयर को प्रभावित करते हैं। इसमें स्टैंडर्ड कटौती की सीमा बढ़ाना और टैक्स स्लैब में संशोधन शामिल हैं।
स्टैंडर्ड कटौती की नई सीमा
- सामान्य वेतनभोगी: पहले ₹50,000 थी अब बढ़कर ₹75,000 हो गई।
- पारिवारिक पेंशनधारक: पहले ₹15,000 थी अब बढ़कर ₹25,000 हो गई।
टैक्स स्लैब का विवरण
आय सीमा (₹) | पुरानी व्यवस्था (%) | नई व्यवस्था (%) |
₹2.5 लाख तक | 0 | 0 |
₹2.5 लाख – ₹5 लाख | 5 | 5 |
₹5 लाख – ₹10 लाख | 20 | 10 |
₹10 लाख – ₹15 लाख | 30 | 20 |
₹15 लाख से अधिक | 30 | 30 |
इस तालिका में दिखाया गया है कि कैसे पुरानी और नई कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब्स में अंतर आया है। इससे कई लोगों को टैक्स में राहत मिली है।
ध्यान देने योग्य बातें
- TDS कटौती का दावा: टैक्सपेयर्स अब अपनी सैलरी आय पर अन्य आय पर TDS और TCS क्रेडिट का दावा कर सकते हैं।
- नियोक्ता का योगदान: NPS में नियोक्ता का योगदान अब बेसिक सैलरी के 14% तक की कटौती की अनुमति देता है।
- शेयर बायबैक: शेयर बायबैक पर अब लागू इनकम टैक्स स्लैब दरों के अनुसार टैक्स लिया जाएगा।
निष्कर्ष
TDS पर हुए ये बड़े बदलाव पेंशनधारकों के लिए एक सकारात्मक कदम हैं। यह न केवल उन्हें अधिक राहत प्रदान करता है बल्कि उनकी आय को भी सुरक्षित करता है। हालांकि यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सभी टैक्सपेयर्स को अपने वित्तीय स्थिति और कर संबंधी विकल्पों का सही मूल्यांकन करना चाहिए।
Disclaimer : यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार या कर विशेषज्ञ से सलाह लें।
इन परिवर्तनों का उद्देश्य निश्चित रूप से पेंशनधारकों को राहत प्रदान करना है लेकिन व्यक्तिगत स्थितियों के अनुसार हर किसी को अलग-अलग लाभ मिल सकते हैं।