बजट 2025 में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कृषि क्षेत्र को विकास का पहला इंजन बताया और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई नई योजनाओं का प्रस्ताव रखा। इस बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ाने से लेकर नई प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना तक, कई ऐसे कदम उठाए गए हैं जो देश के किसानों को लाभान्वित करेंगे।
इस बार के बजट में किसानों के लिए 6 नई योजनाओं का ऐलान किया गया है। इनमें से प्रमुख है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, जो 100 चुनिंदा जिलों में लागू की जाएगी। इसके अलावा, दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम, बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना, और कपास उत्पादन के लिए 5 साल की योजना भी शामिल है। आइए इन सभी योजनाओं और घोषणाओं के बारे में विस्तार से जानें।
Budget 2025: किसानों के लिए नई योजनाएं और लाभ
बजट 2025 में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं और लाभों की घोषणा की गई है। यहां एक संक्षिप्त ओवरव्यू दिया गया है:
योजना/लाभ | विवरण |
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना | 100 चुनिंदा जिलों में लागू, 1.7 करोड़ किसानों को लाभ |
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा | 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई |
दालों का उत्पादन बढ़ाने का कार्यक्रम | 6 साल का विशेष मिशन, अरहर, उड़द और मसूर पर फोकस |
बिहार में मखाना बोर्ड | मखाना उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण को बढ़ावा |
कपास उत्पादन योजना | 5 साल का विशेष मिशन |
नए बीज और रिसर्च | उच्च उपज वाले बीजों का राष्ट्रीय मिशन |
यूरिया संयंत्र | असम के नामरूप में 12.7 लाख टन क्षमता का नया संयंत्र |
समुद्री खाद्य निर्यात | 60,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य |
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इस बजट की सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक है। यह योजना निम्न उत्पादकता, कम फसल गहनता और औसत से कम ऋण वाले 100 जिलों में लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में कृषि विकास को बढ़ावा देना है।
योजना के प्रमुख बिंदु:
- 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद
- फसल विविधीकरण (Crop Diversification) को प्रोत्साहन
- कटाई के बाद की सुविधाओं में सुधार
- किसानों को अधिक ऋण लेने में मदद
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ी
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना में एक बड़ा बदलाव किया गया है। अब किसानों को KCC के तहत मिलने वाले ऋण की सीमा बढ़ा दी गई है।
KCC योजना में बदलाव:
- पुरानी सीमा: 3 लाख रुपये
- नई सीमा: 5 लाख रुपये
- लाभार्थी: किसान, मछुआरे और डेयरी किसान
- कार्ड की वैधता: 5 साल
- आयु सीमा: 75 साल तक के किसान कार्ड बनवा सकते हैं
यह बदलाव किसानों को अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा और उन्हें अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर ढंग से संचालित करने में मदद करेगा।
दालों के उत्पादन को बढ़ावा
सरकार ने देश में दालों की आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की घोषणा की है। यह 6 साल का विशेष मिशन है जो दालों के उत्पादन को बढ़ावा देगा।
मिशन के प्रमुख बिंदु:
- विशेष फोकस: अरहर, उड़द और मसूर
- सहकारी संस्थाओं की भूमिका: NAFED और NCCF अगले 4 साल तक दालों की खरीद करेंगी
- किसानों को अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया जाएगा
यह कार्यक्रम न केवल देश की दाल आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ाएगा।
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना
बिहार के मखाना किसानों के लिए एक विशेष घोषणा की गई है। सरकार बिहार में एक मखाना बोर्ड स्थापित करेगी।
मखाना बोर्ड के उद्देश्य:
- किसानों को FPO (Farmer Producer Organization) के माध्यम से संगठित करना
- सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाना
- मखाने की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में सुधार
- विभिन्न योजनाओं को एकीकृत करना
यह पहल बिहार के मखाना किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है और इससे राज्य में मखाना उद्योग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
कपास उत्पादन के लिए 5 साल की योजना
भारत में कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार ने एक 5 साल का विशेष मिशन लॉन्च किया है।
योजना के मुख्य लक्ष्य:
- एक्स्ट्रा-लॉन्ग स्टेपल कपास की किस्मों को बढ़ावा देना
- भारतीय कपड़ा उद्योग को मजबूत करना
- किसानों की आय में वृद्धि
यह योजना न केवल किसानों को लाभान्वित करेगी, बल्कि देश के कपड़ा उद्योग को भी मजबूत करेगी।
नए बीज और रिसर्च पर जोर
कृषि में नई तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक विशेष रिसर्च पारिस्थितिकी तंत्र मिशन की घोषणा की है।
मिशन के प्रमुख बिंदु:
- अधिक उपज देने वाले बीजों का विकास
- कीट-प्रतिरोधी बीजों पर शोध
- जलवायु-सहिष्णु बीजों का निर्माण
- 100 से अधिक नई बीज किस्मों को 2024 में व्यावसायिक रूप से जारी किया जाएगा
यह पहल भारतीय कृषि को अधिक उत्पादक और टिकाऊ बनाने में मदद करेगी।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं
यूरिया संयंत्र
असम के नामरूप में 12.7 लाख टन क्षमता का एक नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा। यह कदम उर्वरक की उपलब्धता बढ़ाने और किसानों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।
समुद्री खाद्य निर्यात
भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है। इस क्षेत्र को और आगे ले जाने के लिए सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये के समुद्री खाद्य निर्यात की योजना बनाई है।
प्रमुख बिंदु:
- अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप में मछली पालन को विशेष बढ़ावा
- निर्यात क्षमता में वृद्धि
- मछुआरों की आय में बढ़ोतरी
बागवानी उत्पादों का समर्थन
बढ़ती मांग को देखते हुए फल और सब्जी उत्पादकों को विशेष समर्थन दिया जाएगा।
योजना के तहत:
- सप्लाई चेन को मजबूत किया जाएगा
- प्रोसेसिंग सुविधाओं में सुधार
- किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने पर ध्यान
बजट 2025 का किसानों पर प्रभाव
बजट 2025 में की गई घोषणाओं का किसानों पर व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
संभावित प्रभाव:
- किसानों की आय में वृद्धि
- कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी
- फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन
- कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों का प्रयोग
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास
ये सभी कदम भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की स्थिति सुधारने में मदद करेंगे।
निष्कर्ष
बजट 2025 में किसानों के लिए की गई घोषणाएं भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड की बढ़ी हुई सीमा, और दालों तथा कपास उत्पादन पर विशेष ध्यान देने से किसानों को अपनी आय बढ़ाने और अधिक उत्पादक बनने में मदद मिलेगी। नए बीजों और रिसर्च पर जोर देने से कृषि क्षेत्र में नवीनता और उत्पादकता बढ़ेगी।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बजट दस्तावेज का पूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं करता। बजट की वास्तविक जानकारी और अंतिम निर्णय केवल सरकारी अधिकृत दस्तावेजों में ही उपलब्ध हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों से पूरी जानकारी प्राप्त करें और विशेषज्ञ सलाह लें।