भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल संपर्क को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना चल रही है – दीमापुर से कोहिमा तक नई रेल लाइन का निर्माण। यह परियोजना असम और नागालैंड राज्यों को जोड़ेगी और इस क्षेत्र के विकास में एक बड़ा कदम साबित होगी।
इस नई रेल लाइन से न केवल यात्रियों को आसानी होगी, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि इस परियोजना में कई चुनौतियां भी आई हैं, लेकिन अब काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
असम – नागालैंड नई रेल लाइन दीमापुर से कोहिमा
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परियोजना का नाम | दीमापुर-कोहिमा नई रेल लाइन |
कुल लंबाई | 82.50 किलोमीटर |
असम में लंबाई | 2.75 किलोमीटर |
नागालैंड में लंबाई | 79.75 किलोमीटर |
शुरुआती स्टेशन | धनसिरी (असम) |
अंतिम स्टेशन | जुबजा (कोहिमा के पास) |
कुल स्टेशन | 8 |
अनुमानित लागत | 6,663 करोड़ रुपये |
सबसे लंबी सुरंग | 6,610 मीटर (टनल नंबर 7) |
पूरा होने का लक्ष्य | दिसंबर 2029 |
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
- कुल 21 सुरंगें: इनकी कुल लंबाई 31 किलोमीटर है
- 27 बड़े पुल और 148 छोटे पुल
- 5 रोड ओवर ब्रिज और 15 रोड अंडर ब्रिज
- 8 नए स्टेशन: धनसिरी, धनसिरीपार, शोखुवी, मोलवोम, फेरीमा, पिफेमा, मेंगुजुमा और जुबजा
असम – नागालैंड नई रेल लाइन दीमापुर परियोजना का इतिहास और प्रगति
- 2010 में नागालैंड सरकार के अनुरोध पर रूट में बदलाव किया गया
- शुरुआती बिंदु दीमापुर से बदलकर धनसिरी (असम) कर दिया गया
- 2015 में परियोजना की विस्तृत अनुमान को मंजूरी दी गई
- अक्टूबर 2021 में पहला 16.5 किलोमीटर का हिस्सा (धनसिरी से शोखुवी) पूरा हुआ
- मार्च 2024 तक अगले स्टेशन मोलवोम तक काम पूरा होने की उम्मीद है
चुनौतियां और देरी के कारण
- भूमि अधिग्रहण की समस्या: कुछ इलाकों में स्थानीय लोगों से जमीन लेने में दिक्कतें आईं
- जंगल और पर्यावरण संबंधी मुद्दे: कुछ हिस्से आरक्षित वन क्षेत्र में पड़ते हैं
- तकनीकी चुनौतियां: पहाड़ी इलाके में लंबी सुरंगें बनाना मुश्किल काम है
- लागत में बढ़ोतरी: शुरुआती अनुमान से लागत कई गुना बढ़ गई है
- कोविड-19 महामारी: इसके कारण भी काम में देरी हुई
असम – नागालैंड नई रेल लाइन दीमापुर परियोजना का महत्व और लाभ
- बेहतर कनेक्टिविटी: नागालैंड की राजधानी कोहिमा देश के बाकी हिस्सों से सीधे जुड़ जाएगी
- आर्थिक विकास: व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा
- पर्यटन को बढ़ावा: नागालैंड के खूबसूरत इलाकों तक पहुंचना आसान होगा
- सस्ता परिवहन: माल ढुलाई की लागत कम होगी
- रोजगार के अवसर: निर्माण और बाद में रेलवे में नौकरियां मिलेंगी
असम – नागालैंड नई रेल लाइन दीमापुर नवीनतम अपडेट और भविष्य की योजना
- टनल नंबर 7 का निर्माण शुरू हो गया है, जो इस परियोजना की सबसे लंबी सुरंग होगी
- धनसिरी से शोखुवी तक यात्री ट्रेन सेवा शुरू हो गई है
- अरुणाचल प्रदेश के नहरलागुन और मेघालय के मेंदीपथर तक भी ट्रेन सेवा शुरू की गई है
- पूरी परियोजना के दिसंबर 2029 तक पूरा होने का लक्ष्य है
निष्कर्ष
असम-नागालैंड नई रेल लाइन परियोजना पूर्वोत्तर भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि इसमें कई चुनौतियां आई हैं और समय लगा है, लेकिन अब काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस परियोजना से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि पूरे क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास भी होगा।
यह परियोजना दिखाती है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी बड़े बुनियादी ढांचे के काम संभव हैं। आने वाले समय में इस रेल लाइन से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को बेहतर संपर्क और विकास के नए अवसर मिलेंगे।
अस्वीकरण: यह जानकारी फरवरी 2025 तक की उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित है। परियोजना की वास्तविक प्रगति और पूरा होने की तारीख में बदलाव हो सकता है। सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें।