Farmer Registry Portal Issue: रजिस्ट्री में नाम गायब? जानें क्या करें और समाधान का तरीका, नई समस्याएं और उनके समाधान

भारत में कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने और किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी और सरल तरीके से पहुंचाने के उद्देश्य से फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल की शुरुआत की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को एक यूनिक फार्मर आईडी (Farmer ID) प्रदान की जाती है, जो आधार कार्ड की तरह उनकी पहचान को डिजिटल रूप से प्रमाणित करती है।

हालांकि, हाल ही में फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल पर कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे किसानों को नाम न दिखने (Owner Name Not Showing) और अन्य तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस लेख में हम इन समस्याओं, उनके समाधान, और फार्मर आईडी कार्ड के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

फार्मर रजिस्ट्री का अवलोकन

Farmer Registry Portal Issue

पोर्टल का नामफार्मर रजिस्ट्री पोर्टल
मुख्य उद्देश्यकिसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना
यूनिक आईडी11 अंकों की यूनिक फार्मर आईडी
डेटा लिंकिंगआधार कार्ड और भूमि रिकॉर्ड से जुड़ा
समस्याएंनाम न दिखना, भूमि विवरण न मिलना
समाधान प्रक्रियादस्तावेज़ सुधार, स्थानीय अधिकारियों से संपर्क
पंजीकरण प्रक्रियाऑनलाइन और CSC केंद्रों के माध्यम से
लाभार्थी योजनाएंपीएम-किसान योजना, फसल बीमा योजना

फार्मर रजिस्ट्री का महत्व

  • किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिलता है।
  • फसल बीमा, सब्सिडी और ऋण जैसी सुविधाएं सरल हो जाती हैं।
  • कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ती है।
  • नीति निर्माण के लिए सटीक डेटा उपलब्ध होता है।

फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल में बदलाव

हाल ही में फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल पर कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनमें तकनीकी सुधार और डेटा सुरक्षा शामिल हैं। हालांकि, इन बदलावों के कारण कुछ नई समस्याएं भी सामने आई हैं:

मुख्य समस्याएं

  1. Owner Name Not Showing: कई किसानों ने शिकायत की है कि पोर्टल पर उनका नाम नहीं दिख रहा है।
  2. Name Match Score 0: आधार कार्ड और भूमि रिकॉर्ड में नाम भिन्नता के कारण यह समस्या आती है।
  3. Land Details Not Found: भूमि रिकॉर्ड अपडेट न होने के कारण यह त्रुटि होती है।
  4. OTP Verification Issue: मोबाइल नंबर से ओटीपी प्राप्त करने में कठिनाई।

फार्मर रजिस्ट्री समस्याएं और समाधान

1. नाम न दिखने की समस्या (Owner Name Not Showing): पोर्टल पर किसान का नाम नहीं दिखाई देता।

समाधान:

  • आधार कार्ड और भूमि रिकॉर्ड की जानकारी को मिलान करें।
  • स्थानीय तहसील कार्यालय जाकर रिकॉर्ड अपडेट करवाएं।

2. Name Match Score 0: आधार कार्ड और भूमि रिकॉर्ड में नाम भिन्नता होने पर यह त्रुटि आती है।

समाधान:

  • आधार केंद्र या तहसील कार्यालय में जाकर नाम सुधार करवाएं।
  • पंजीकरण करते समय सही स्पेलिंग का उपयोग करें।

3. भूमि विवरण न मिलना (Land Details Not Found): पोर्टल पर भूमि रिकॉर्ड नहीं दिखता।

समाधान:

  • राज्य के भूमि रिकॉर्ड पोर्टल पर जाकर जानकारी सत्यापित करें।
  • पुराने रिकॉर्ड अपडेट करवाने के लिए राजस्व विभाग से संपर्क करें।

4. OTP प्राप्त करने में कठिनाई: मोबाइल नंबर पर ओटीपी नहीं आता।

समाधान:

  • सुनिश्चित करें कि मोबाइल नंबर आधार से लिंक हो।
  • नेटवर्क कनेक्शन सही हो।

फार्मर आईडी कार्ड: लाभ और उपयोग

  • सरकारी योजनाओं जैसे पीएम-किसान योजना, फसल बीमा योजना आदि का सीधा लाभ।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल बेचने में सहायता।
  • ऋण और सब्सिडी प्राप्त करने में आसानी।
  • बार-बार KYC प्रक्रिया की आवश्यकता समाप्त होती है।

ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें?

  1. संबंधित राज्य के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. “नया पंजीकरण” विकल्प चुनें।
  3. आधार नंबर, मोबाइल नंबर और भूमि विवरण भरें।
  4. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  5. ओटीपी सत्यापन पूरा कर आवेदन जमा करें।

आवश्यक दस्तावेज़

  • आधार कार्ड
  • भूमि रिकॉर्ड
  • बैंक पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटो

डिजिटल कृषि मिशन और एग्रीस्टैक

भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने के लिए “डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन” शुरू किया है। इसके तहत एग्रीस्टैक योजना चलाई जा रही है। एग्रीस्टैक एक केंद्रीय डेटाबेस है जो किसानों की जानकारी को सुरक्षित रखता है।

निष्कर्ष

फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें सरकारी योजनाओं तक सीधी पहुंच प्रदान करता है। हालांकि, हाल ही में हुए बदलावों के कारण कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं। इन समस्याओं को हल करने के लिए सही दस्तावेज़ प्रस्तुत करना और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करना आवश्यक है।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल पर समस्याओं का समाधान संबंधित विभागों द्वारा प्रदान किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिए।

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